रस Hindi Test
"हिंदी काव्यशास्त्र के 'रस' से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्नों की प्रश्नोत्तरी। यह टेस्ट Agriculture Supervisor व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी है। "
रस
1. स्थायी भावों की कुल संख्या है -
भारतीय काव्यशास्त्र के अनुसार स्थायी भावों की संख्या 9 होती है।
2. शांत रस का स्थायी भाव क्या है ?
शांत रस का स्थायी भाव ‘निर्वेद’ होता है, जिसका अर्थ होता है विरक्ति या तृष्णा का न होना।
3. श्रृंगार रस का स्थायी भाव क्या है ?
श्रृंगार रस का स्थायी भाव ‘रति’ है, जो प्रेम या अनुराग को दर्शाता है।
4. विस्मय स्थायी भाव किस रस में होता है ?
विस्मय स्थायी भाव ‘अद्भुत रस’ में होता है।
5. किलक अरे मैं नेह निहारूं। इन दाँतो पर मोती वारूँ। इन पंक्तियों में कौन-सा रस है ?
यह पंक्तियाँ वात्सल्य रस को प्रस्तुत कर रही हैं, जिसमें बच्चों के प्रति ममता का भाव होता है।
6. अति मलीन वृषभानुकुमारी। अधोमुख रहित, उरध नहिं चितवत, ज्यों गथ हारे थकित जुआरी। छूटे चिहुर बदन कुम्हिलानो, ज्यों नलिनी हिमकर की मारी।। प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा रस है ?
यह पंक्तियाँ विप्रलंभ श्रृंगार रस को दर्शाती हैं, जिसमें विरह की वेदना प्रकट होती है।
7. सर्वोत्तम रस किसे माना जाता है ?
शृंगार रस को भारतीय साहित्य में सर्वोत्तम रस माना गया है।
8. कवि बिहारी मुख्यतः किस रस के कवि हैं ?
कवि बिहारी मुख्यतः श्रृंगार रस के कवि माने जाते हैं।
9. मेरे तो गिरिधर गोपाल दुसरो न कोई। जाके सिर मोर मुकुट मेरो पति सोई।। इस पंक्तियों में कौन-सा रस है ?
यह पंक्तियाँ श्रृंगार रस को दर्शाती हैं, जिसमें प्रेम और भक्ति का भाव प्रकट होता है।
10. शोभित कर नवनीत लिए घुटरूनी चलत रेनु तन मण्डित मुख दधि लेप किए। इन पंक्तियों में कौन सा रस है ?
यह वात्सल्य रस का उदाहरण है, जो माता-पिता के बच्चों के प्रति ममता को दर्शाता है।
11. रसोपति में आश्रय की चेष्टाएं क्या कही जाती है ?
रसोपति में ‘अनुभव’ को आश्रय की चेष्टाएं कहा जाता है, जो रस का अनुभव करते हैं।
12. ट”, ‘ठ”, ‘ड”, ‘ढ’ वर्णों के प्रयोग का सम्बन्ध काव्य के किस गुण से है ?
‘ओज’ काव्य गुण के अंतर्गत ये वर्ण अधिक प्रभावी और मजबूत ध्वनि उत्पन्न करते हैं।
13. माधुर्य गुण का किस रस में प्रयोग होता है ?
माधुर्य गुण मुख्य रूप से श्रृंगार रस की अभिव्यक्ति में होता है।
14. प्रिय पति वह मेरा प्राण प्यारा कहाँ है ? दुःख-जलनिधि-डूबी सहारा कहाँ है ? इन पंक्तियों में कौन सा स्थायी भाव है ?
यहाँ ‘शोक’ स्थायी भाव प्रकट हो रहा है जो दुःख और विरह को दर्शाता है।
15. रस कितने प्रकार के होते हैं ?
भारतीय काव्यशास्त्र में रसों की संख्या 9 बताई गई है।
16. उधो मोहि ब्रज विसरत नाहीं। हंससुता की सुन्दर कगरी और द्रुमन की छन्हि।। इन पंक्तियों में कौन-सा रस है ?
यहाँ श्रृंगार रस की अभिव्यक्ति है, जो प्रेम और सौंदर्य से जुड़ा है।
17. हिन्दी साहित्य का नौवां रस कौन-सा है ?
हिन्दी साहित्य में नौवाँ रस ‘शांत रस’ को माना जाता है।
18. उस काल कारे क्रोध के, तन कांपने उसका लगा। मानो हवा के जोर से, सोता हुआ सागर जगा।। प्रस्तुत पंक्तियों में कौन -सा रस है ?
यहाँ रौद्र रस प्रकट हो रहा है, जिसमें क्रोध और हिंसा की भावना होती है।
19. वाक्य रसात्मक काव्यम’ किसका कथन है ?
‘वाक्य रसात्मक काव्यम्’ का कथन विश्वनाथ ने किया है।
20. मन की उतप्त वेदना, मन ही मन बहती थी। चुप रहकर अन्तर्मन में, कुछ मौन व्यथा कहती थी।। दुर्गम पथ पर चलने का वो संबल छूट गया था। अविचल, अविकल वह प्राणी, भीतर से टूट गया था।। उपर्युक्त काव्य -पंक्तियों में कौन सा रस अभिव्यंजित हो रहा है ?
यहाँ करुण रस (दुख व विलाप) प्रकट हो रहा है।
21. वीर रस का स्थायी भाव क्या होता है ?
वीर रस का स्थायी भाव ‘उत्साह’ होता है, जो साहस और उर्जा को दर्शाता है।
22. किस रस को ‘रसराज’ कहा जाता है ?
भारतीय काव्यशास्त्र में श्रृंगार रस को सर्वश्रेष्ठ या ‘रसराज’ माना जाता है।
23. संचारी भावों की संख्या है -
भारतीय रस शास्त्र के अनुसार संचारी भावों की संख्या 33 है।
24. भरतमुनि के रससूत्र में निम्नलिखित में से किसका उल्लेख नहीं है ?
भरतमुनि ने ‘शांत’ रस का उल्लेख नहीं किया है।
25. भरत मुनि के अनुसार रसों की संख्या है -
भरतमुनि के मतानुसार रसों की संख्या नौ है।
26. वीभत्स रस का स्थायी भाव है -
वीभत्स रस का स्थायी भाव ‘जुगुप्सा’ या ‘घृणा’ होता है।
27. क्रोध किस रस का स्थायी भाव है ?
क्रोध रौद्र रस का स्थायी भाव है।
28. जहँ-तहँ मज्जा मांस रुचिर लखि परत बगारे। जित-जित छिटके हाड़, सेत कहूँ, कहूँ रतनारे।। इव अवतरण में -
यहाँ वीभत्स रस (दुर्लभ या घृणित भाव) व्यक्त हो रहा है।
29. केसव कहि न जाइ का कहिये। देखत तव रचना विचित्र अति समुझि मनहिं मन रहिये।। इस काव्य-पंक्ति में है -
यहाँ अद्भुत रस व्यक्त हो रहा है, जो आश्चर्य और विस्मय को दर्शाता है।
30. रस सिध्दांत के आदि प्रवर्तक कौन है
भरत मुनि को रस सिद्धांत का आदि प्रवर्तक माना जाता है।
31. ______ का शाब्दिक अर्थ है भाव को विशेष रूप से प्रवर्तित करने वाला
‘विभाव’ का अर्थ है वह जो भाव को उत्पन्न करता है।
32. स्थायी भावों की कुल संख्या है -
भारतीय काव्यशास्त्र में स्थायी भावों की संख्या 9 बताई गई है।
33. शांत रस का स्थायी भाव क्या है ?
निर्वेद शांत रस का स्थायी भाव है, जो निरासक्ति या विरक्ति व्यक्त करता है।
34. श्रृंगार रस का स्थायी भाव क्या है ?
रति प्रेम या अनुराग का भाव है, जो श्रृंगार रस का स्थायी भाव है।
35. विस्मय स्थायी भाव किस रस में होता है ?
अद्भुत रस में विस्मय स्थायी भाव होता है।
36. किलक अरे मैं नेह निहारूं। इन दाँतो पर मोती वारूँ। इन पंक्तियों में कौन-सा रस है ?
यह वात्सल्य रस है, जो बच्चों के प्रति मातृवत प्रेम को दर्शाता है।
37. अति मलीन वृषभानुकुमारी। अधोमुख रहित, उरध नहिं चितवत, ज्यों गथ हारे थकित जुआरी। छूटे चिहुर बदन कुम्हिलानो, ज्यों नलिनी हिमकर की मारी।। प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा रस है ?
यह विप्रलंभ श्रृंगार रस है, जिसमें विरह का दुख व्यक्त होता है।
38. सर्वश्रेष्ठ रस किसे माना जाता है ?
श्रृंगार रस को सर्वश्रेष्ठ रस माना जाता है।
39. कवि बिहारी मुख्यतः किस रस के कवि हैं ?
कवि बिहारी मुख्य रूप से श्रृंगार रस के कवि हैं।
40. मेरे तो गिरिधर गोपाल दुसरो न कोई। जाके सिर मोर मुकुट मेरो पति सोई।। इन पंक्तियों में कौन -सा रस है ?
यहाँ श्रृंगार रस है, जिसमें प्रेम और भक्ति की भावना है।
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